सगी बहन से शादी और सुहागरात
मेरा नाम सन्नी है और मैं मनाली का
रहने वाला हूँ। अभी मेरे घर में चार हीलोग हैं, मैं, मेरी माँ और मेरी
दो सगी बहन है |
आपने पिछली कहानी “ सगी
माँ और बहनों की चुदाई मनाली में ”
में पढ़ा की मनाली जाने के पहले
ही दिन कैसे हम सब ने चुदाई की अब
आगे..मनाली आने के दुसरे दिन हम सब ने सोचा
की कैसे इस चुदाई को यूँही चालू रखा
जाए हमेशा के लिए….
माँ …..सुन तुम एक काम करो…सन्नी तुम और
सीमा शादी कर लो
मैं और सीमा एक साथ …….ये कैसे संभव है…सगे
भाई बहन शादी कैसे कर सकते है ?
माँ……देखो तुम तीनो को यहाँ कोई नहीं
जानता तुम तीनो का जनम दिल्ली में
ही हुवा था, तो मैं यहाँ मनाली में सब से
कह दूँगी की सीमा
तुम्हारी बीवी है और अंशु
साली, और दोनों अनाथ है और तुम्हारे पापा के एक
अच्छे दोस्त की बेटिया है |
मैं…..आईडिया तो अच्छा है …..लेकिन क्या ये इतना आसान
होगा कैसे लड़कियों को पटायें
माँ….तुम सब मुझे पे छोड़ दो
तभी अंशु ने कहा….
अंशु…..नहीं माँ ऐसे नहीं, पूरे
तरीके से सीमा की
शादी की रस्म,,,जैसे कि दुल्हन
शादी के बाद पहली बार घर
आयी है वाली रस्म निभाते है और आस
पास के लोगो को बुलाते है जिससे किसी को
भी शक नहीं होगा..
माँ ने अंशु का माथा चूमते हुवे ..
माँ….जबरदस्त आईडिया है…
सीमा ….. माँ फिर तो मेरी सुहागरात
भी मनेगी ….हर लड़की का
सपना होता है की उसकी भी
सुहागरात हो….मैं भी मनाउंगी ..और
अपनी गांड का उद्घाटन करवाउंगी..
माँ….मेरी बेटिया बड़ी समझदार और
होशियार हो गयी है…चलो प्लान को सफल बनाये…
क्युकी पहले दिन हम सब घर में साफ़ सफाई में
बिजी थे इसलिए किसी ने हमे देखा
नहीं था..तो अगले दिन शाम को सीमा और
अंशु वापस दिल्ली चली गयी
और अगली सुबह में भी
दिल्ली चला गया ..हमारा प्रोग्राम था की
अगले दिन दोपहर तक वापस मनाली आ
जायेंगे…..उनके आने से पहले माँ ने हमारे आस पास में कह
दिया की सन्नी की बहु और
उसकी साली आज शादी के
बाद गौना करवा के पहली बार घर आ
रही है… कैसे लड़कियों को पटायें
जिस दिन हम लोग वापस आये उस दिन 14 फरबरी
थी….
मैं सीमा और अंशु के साथ घर पर आया तो माँ
थाली लेके दरवाजे पर ई और सीमा
की आरती उतारी…
सीमा ने एक लाल साड़ी पहली
हुई पूरी तरह से एक दुल्हन लग रही
थी..हम लोगो ने आस पास के लोगो और दो चार
रिश्तेदारों को
दिखने के लिए साडी रस्मे तरीके से
निभायी…दुल्हन का चेहरा देख के सब बोले
की दुल्हन तो बड़ी सुन्दर है..
थोड़ी देर बाद सब चले गए |
हम लोगो ने रहत की सांस ली
की चलो सब आराम से निपट गया |
दिन में इधर उधर के कामो में बीत गया और शाम
होते होते हम सब हमारी सुहागरात की
तेयारी में लग गए ..
सुहागरात के लिए कमरा खूब सजाया….मैं कमरे की
तरफ जाने लगा तो
अंशु ने आँख मारते हुवे कहा….. जीजू अगर कुछ
जरूरत हो तो बताना हम भी बगल वाले कमरे में
ही हैं.
मैं….आजा तू भी साथ में ही मना लेते
है |
अंशु…..न बाबा न….आज तो सीमा की
सुहागरात है …मैं कभी और मना लूंगी
मैं कमरे के अन्दर गया तो देखा
सीमा लाल रंग की साड़ी में कैसे लड़कियों को पटायें
पलंग पर बैठी थी। और मैं कुरते पायजामे
में थे. मेरे के आते ही वो थोड़ा सा हिली
और उनकी चूड़ियाँ और पायल बज उठी.
मैंने सीमा को एक डायमंड की
अंगूठी दीं और सीमा
बोली, सीमा….इसकी क्या
जरूरत थी ?
मैं…..अरे यह तो तुम्हारी मुह दिखायी
है, वैसे भी आज तुम बहुत सुंदर दिख
रही हो.’
और मैंने सीमा को अपनी बाहों में भर लिया
और उनके माथे , गाल, और लिप्स पर किस करना शुरू कर
दिया. ऐसा लग रहा था की दो प्रेमी बड़े
दिनों के बाद मिले हों. शुरू में सीमा के हाथ स्थिर थे |
पर जैसे जैसे वासना का तूफ़ान परवान चढ़ रहा था वैसे वैसे दोनों
के हाथ एक दूसरे को खोज रहे थे. सीमा के हाथ
मेरी पींठ पर थे और मेरे हाथ
सीमा के पींठ पर से होते हुए उसके
कुल्हो पर आए और उन्हें कस लिया. मैंने अपने एक हाथ को
सीमा के लेफ्ट बूब पर रखा तो सीमा ने
मुझे देखा और फिर से किस करने लगीं. शायद यह
एक हाँ थी मैंने को
जिन्होंने हाँ मिलते ही अपने दोनों हाथों से
सीमा के बूब्स को साड़ी के ऊपर से
ही मसलना शुरू कर दिया था. और जल्दी
ही मैंने सीमा की
साड़ी भी निकाल दीं |
हालाँकि सीमा को मैं चोद चूका थी लेकिन
आज वो एक नई नवेली दुल्हन की
तरह शर्मा रही थी |
सीमा ….मुझे मेरी सुहाग रात
सही तरीके से मनानी है |
इधर मेरा एक हाथ भी सीमा के
पेटीकोट के अन्दर सीमा की कैसे लड़कियों को पटायें
चूत पर पहुँच चुका था. मैंने सीमा के
पेटीकोट का नारा ढूँढ लिया और उसे खोल दिया. ऐसा
करते ही उसका पेटीकोट खुलकर मेरे पैरों
में नीचे गिर गया |
और सीमा उसमे से बाहर निकल कर
खड़ी हो गयी. सीमा ने
चमकते लाल रंग की एक पैंटी पहन
राखी थी जिसमे से उनके गांड का उभर
खूब चमक रहा था. अब वो मेरी पकड़ में
थीं, एक ब्लाऊज, पैंटी और एक ब्रा
पहने हुए.
मैंने सीमा को घुमाया और उनका मुह ड्रेसिंग टेबल के
शीशे की और कर दिया और
पीछे से हाथ आगे लाये और सीमा के
बूब्स को जकड लिया अपनी हथेलियों में. और
सीमा भी करहा रही
थी |
जैसे ही मैंने सीमा के गले और गर्दन
और कान के नीचे किस करना शुरू कर दिया.
सीमा शायद बड़ी ही उत्तेजना
में थी, क्योंकि सीमा ने भी तुंरत
ही पायजामे के ऊपर से मेरा लंड अपने हाथों में ले
लिया |
उधर मैंने सीमा का ब्लाऊज भी खोल दिया
और सीमा अब ब्रा में मेरे सामने थीं |
सीमा …. “यह आप क्या कर रहे हो ?
मैं….., “अब तुम मेरी बीवी
हो और में तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता हूँ
तुम्हे कोई ऐतराज है?”
सीमा…. “नही…”
मेरा लंड अंडरवियर में उमड़ने लगा
और वापस घूम कर मेरी और मुह कर लिया और मेरे
लंड को धीरे धीरे स्ट्रोक करना शुरू कर
दिया. मैंने सीमा की ब्रा भी
उतार दीं और बेड पर फ़ेंक दीं और दोनों
स्तन अपने हथेलियों में भर लिए |
सीमा के मुह से आह निकल ही जा
रही थी. मैं बीच
बीच में सीमा के निप्पलस भी
चूस रहा था . अब सीमा सिर्फ़ लाल रंग
की एक पैंटी में थीं. मैंने
उन्हें पलंग पर लिटा दिया, सीमा के बूब्स एकदम
गोल गोल और ऊपर उठे हुए थे. मैंने अपने कपड़े खोलने शुरू
कर दिए. और सिर्फ़ अंडरवियर में वो भी पलंग पर
आ गया . मेरा लंड अंडरवियर में से बाहर आ जाना चाह रहा था
| आप यह कहानी onesexstory.blogspot.in डॉट नेट पर पढ़ रहे
है |कैसे लड़कियों को पटायें
हम दोनों एक दूसरे के शरीर से लिपट गए थे. मै
सीमा की टांगों के बीच में
उनकी चूत पर हाथ फेर रहा था और अपने
सीने के नीचे सीमा के बूब्स
दबे हुए थे. मैंने सीमा की
पैंटी के अन्दर हाथ डाला और उनके नंगी
गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और सीमा ने मेरे
अंडरवियर को उतार दिया और लंड को पकड़ कर रगड़ना शुरू
कर दिया. तो मैंने भी सीमा की
पैंटी उतारनी शुरू कर दी
और सीमा ने अपनी कमर ऊपर उठाकर
मेरी मदद करदी. बस अब दोनों पूरे नंगे
थे, तभी मैं बेड से थोडा दूर जाके सीमा को
देखने लगा तो जब मैं सीमा को घूरने लगा तो
सीमा ने अपना मुह अपनी हथेलियों से
धक् लिया. कमरे में बल्ब जल रहा था सो में साफ़ साफ़ देख पा
रहा था कि सीमा के गोरे बदन पर एक भी
बाल नहीं था लगत है उसने वेक्शिंग करवाई
होगी |
मैं मेरी उंगलियों को सीमा के नंगे बदन पर
फिरने लगा . मेरा लंड एकदम खड़ा था लोहे को रोड
की तरह. मैंने सीमा की टाँगे
फैलाई और उनके बीच में बैठ गया और
नीचे झुका और उनकी नंगी
चूत पर किस कर लिया |
सीमा शायद इसके लिए तेयार नही
थी और अपने दोनों हाथों से अपनी चूत
को ढकने लगीं. वो अपना सर हिलाकर मने करने
लगी, सीमा ……”वहां
नही…!”.
लगता था कि आज वो पूरी तरह से एक दुल्हन
की सुहागरात का मजा लेना चाहती
थी . तो मैंने भी जिद नही कि
और उनके पेट पर किस करते हुए बूब्स कि और बढने लगे.
दोनों हाथों से दोनों मम्मो को मसलने लगा और सीमा के
मुह से सिसकारी निकलने लगीं. फिर एक
बूब को चूसते और दूसरे के निप्पल को उँगलियों से रगड़ने
लगता . सीमा के हाथ जो मेरी
पींठ पर लिपटे हुए थे इसलिए मैंने सीमा
का एक हाथ फिर से अपने लंड पर रख दिया |
सीमा एकदम गरम हो चुकी
थी…और बोली
सीमा…बस अब और नहीं ….अब
मेरी गांड का उद्घाटन कर दो…चोद दो मुझे और
सीमा उलटी लेट गयी….
फिर मैंने एक डिब्बी निकली (जोकि एक
जेल्ली थी), और उसमे से
थोडी सी जेली निकाल कर
सीमा कि गांड पर मल दीं |
मैं सीमा के ऊपर था और मेरा लंबा मोटा लंड
सीमा कि कुल्हो के बीच में
ठीक गांड के सामने लटका हुआ था. मैंने
सीमा के कान में कुछ फुसफुसाया और
सीमा ने तुंरत ही अपने कुल्हो और
घुटनों को ऊपर नीचे करके उनके लंड को
मेरी गांड के छेद पर टक्कर दिलवाने लगीं
|
मैं सीमा की गांड के छेद में
ऊँगली से जेल्ली लगाने लगा ताकि मजब
मेरा मोटा लंड उसकी गांड में जाए तो उससे दर्द कम
हो |
उधर, सीमा मेरे लंड को अपनी गांड के
प्रवेश द्वार पर बार बार रगड़ रही थीं
और शायद जैसे ही वो सही
सीध में आया होगा, सीमा ने अपने कुल्हे
और घुटनों को ऊपर नीचे करना रोक दिया |
और उलटे ही मेरी पींठ पर
एक हाथ रखकर उन्हें नीचे दबाब देने को
कहा….मैंने भी सोचा अब जो होगा देखा जायेगा और
धीरे धीरे नीचे होना शुरू किया..
पर या तो चिकनाई ज्यादा थी या सीमा
की गांड का छेद छोटा होने की वजह से
सही नही बैठ पा रहा था. मेरा लंड
स्लिप हो गया |
सीमा ने अपना हाथ बढाया और अपने हाथ से मेरे
लंड को पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर फिर रखा
और फिर से नीचे दवाने को कहा…पर इस बार फिर
से लंड दूसरी तरफ़ भाग गया..तब मैंने ख़ुद
ही अपने लंड को पकड़ा और सीमा कि
गांड में डालने कि कोशिश करी और जैसे
ही मैंने एक हल्का सा धक्का लगाया, तो शायद वो
थोड़ा अन्दर गया, क्योंकि सीमा के हाथ और पाँव
एकदम हवा में उठ गए और मुह से चीख निकल
गयी. और अभी लंड का अगला हिस्सा
ही अन्दर गया था कि सीमा ने मुझे रोक
दिया और बोली कि सीमा….. “दर्द हो रहा
है……आज मत करो…आराम से करेनेगे न…बताओ…कोई
जल्दी है क्या …?” और पर इस सब से मुझे यह
पता लगा कि शायद सीमा की गांड वाकई में
अभी भी कुंवारी हैं और वो
इस से पहले कभी लंड से नही
चुदी!”
दीदी अभी फ़डवा
लो गांड
तभी अंशु की आवाज
आयी…..दीदी कैसे लड़कियों को पटायें
अभी फ़डवा लो गांड …..भाई फाड़
दो….नहीं तो दीदी
कभी भी दुबारा नहीं मारने
देगी…..दर्द तो एक बार का है….फिर तो मजे
ही मजे….मुझे भी बहुत दर्द हुवा था |
सीमा…..तो तू ही फडवा ले |
तभी मैंने पास रखी एक मोटी
मोमबत्ती पर कॉन्डोम लगाकर सीमा
की गांड के मुँह पर छुला दिया, सीमा
समझ गई कि आज पक्का ही उसकी
गांड की शामत आने वाली है।
सीमा- ये क्या कर रहे हैं?
मैंने मोमबत्ती सीमा की गांड
पर लगा कर थोड़ी सी अंदर घुसा
दी और बोला
मैं- घबरा क्यों रही हो? बड़ा मज़ा आएगा !
और उसे अंदर घुसाने लगा । कसी हुई गांड को
मोमबत्ती अंदर तक फाड़े जा रही
थी,
सीमा चिल्लाने लगी- उइ ! उह ! उह !
मर गई ! बाहर निकालो !
लेकिन अब मैं कहाँ सुनने वाला था ।इन्होंने 6 इंची
लंबी और एक इंची मोटी
मोमबत्ती मेरी गांड में ठूंस दी
और गंवारों की तरह हँसते हुए बोला |
मैं- सीधे सीधे पूरा लंड डाल दूंगा तो
बेहोश हो जाएगी।
मोमबत्ती से मैं गांड चोदने लगा । उसकी
चूत इस गांड चुदाई की वजह से तर बतर हो
रही थी…. साथ ही साथ
उसकी आँखों से आंसू बहने लगे। थोड़ी
देर बाद मैंने मोमबती की चुदाई से गांड को
आजाद कर दिया।
सीमा कराहते हुए बोली- बड़ा दर्द हो
रहा है !
मैं हंस के बोला – थोड़ा तेल डाल देता हूँ ! शायद
जेल्ली से कुछ फायदा नही हुवा मैंने
सीमा के पेट के नीचे दो तकिये रखकर
सीमा गांड में अंदर तक तेल भर दिया। इसके बाद
सीमा के चूतड़ सहलाते हुए फिर से उसके उपर
लेट गया । कुछ देर बाद मैंने अपना लौड़ा सीमा
की गांड के मुँह पर लगा दिया जब तक
सीमा समझती तब तक सुपाड़ा गांड में घुस
चुका था।
सीमा दर्द से चिल्ला उठी- उई मर गई !
हरामजादे बाहर निकाल ! उई मर गई ! मर गई,
सन्नी छोड़ो ! बहुत दर्द हो रहा है ! बहुत दर्द
हो रहा है !
अंशु…..दीदी हरामजादा
नहीं….तुम्हारा पति है …..गाली
देती हो अपने पति
सीमा…..तू भाग साली मादरचोद …गांड
फडवा दी मेरी
लेकिन अब सन्नी मेरी गांड का ड्राईवर
था , चिल्लाने का कोई फायदा नहीं हुआ लंड अपने
सफ़र पर चल रहा था। ऐसा लग रहा था कि मेरे दोनों चूतड़ फट
जाएँगे। मेरी गांड का गुदना जारी था,
थोड़ी देर मैं सन्नी का लंड पूरा अंदर घुस
गया था। सीमा तो मर सी गई
थी। मैंने सीमा की कमर कस
कर पकड़ ली और गांड चोदनी शुरू कर
दी। शुरू के झटकों ने तो जैसे सीमा
की जान ही निकाल ली। जब
लंड अच्छी तरह से गांड में दौड़ने लगा तो मैंने
सीमा के चुचे पकड़ लिए और मसलते हुए बोला |
मेरी सगी बहन
की चूत झरने की तरह
पानी छोड़ रही
थी |
मैं…..बस सीमा अब मजा ही मजा …दर्द
के दिन गए – मेरी रानी, प्यार से मार रहा
हूँ ! मज़े लो !
अंशु फिर बीच में बोली…….मेरे BF ने
जब मेरी गांड मारी थी, मैं तो
बेहोश हो गई थी।
सीमा….सिसकारते हुवे…..अंशु की
बच्ची एक बार और बोली तो मुझसे बुरा
कोई नहीं होगा….
जब धीरे धीरे चुदाई होने लगी
और दर्द मजे में बदल गया तो आखिर मैं सीमा से
रहा नहीं गया और मैं बोल पड़ी,
“सन्नी . प्लीज मुझे प्यार करो |
“क्या तुम इसके लिए तैयार हो?”, मैंने पूछा |
“हाँ, मैं पूरी तरह से अब आपकी
ही हूँ. मुझे सुहागरात का पूर्ण सुख चाहिए ..”,
सीमा ने जवाब दिया |
“देखो, हो सकता है कि तुम्हे थोडा दर्द और हो…पर बाद में
अच्छा लगेगा.”, मैंने कहा |
“मैं जानती हूँ. बस आप मुझे प्यार करो.”,
सीमा ने बोला |
हम दोनों ही मुस्कुराये उसके बाद मैंने एक हाथ पर
अपने शरीर को सँभालते हुए दुसरे हाथ से
सीमा की चूत के नम लिप्स सहलाने
लगा | आप यह कहानी onesexstory.blogspot.in डॉट नेट पर पढ़
रहे है |
और फिर कुछ देर ऐसा करने के बाद, मैंने मेरे लंड को कड़क
किया और और एक झटके से पूरा का पूरा अन्दर पेल दिया |
“ओह माँ…” सीमा के मुह से निकला.
सीमा के बूब्स ऊपर की ओर उठ गए
और शरीर एंठन में आ गया
सीमा की आँखों से आंसू भी
निकल आये थे. वो अपनी गांड का कौमार्य खो
चुकी थी और फिर से लंड अंदर बाहर
करना शुरू किया और वो आआआहह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हह्ह
की सेक्सी आवाज करने लगी
और जिससे मेरी स्पीड और तेज हो
गयी. वो कहने लगी | कैसे लड़कियों को पटायें
सीमा…..हाँ चोदो मुझे, हहहाहा और तेज और तेज
और में बहुत तेज-तेज चोद रहा था मेरा पूरा का पूरा लंड
उसकी गांड में चला गया | अब तो वो भी
मेरा साथ देने लगी और चिल्लाने लगी |
सीमा……- बहन के लौड़े! और जोर से चोद! फाड़ दे
मेरी गांड! अपनी बहन को इतना चोद कि
मैं खड़ी भी न हो पाऊँ!
मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा। मेरा पूरा का पूरा का लंड
उसकी गांड की जड़ तक जा रहा था।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मुझे
लगने लगा कि मेरा काम होने वाला है।
मैं – अब मैं लण्ड निकालने वाला हूँ।
सीमा – नहीं यार! आज तो अपने अमृत
से मेरी गांड की प्यास बुझा दे। अंदर
ही झाड़ दे अपना माल! सुहागरात का पहला माल
मेरी कुंवारी गांड में डाल दे |
मैं झटके मारने लगा और अपना पानी सीमा
की गांड में भर दिया। मेरे लंड से निकला गर्म
पानी गांड में डलवा कर सीमा बहुत
रिलैक्स फील कर रही
थी….और उसे बड़ा अच्छा लग रहा था।
पानी छोड़ने के बाद सीमा ने मेरा लंड चाट
कर साफ़ कर दिया। थोड़ी देर बाद
सीमा – मेरे राजा भाई! अपनी
बहन की चूत नहीं मारेगा
क्या?
मैं…..- मारूँगा मेरी जान! भोसड़ा बना दूँगा
तेरी चूत का! लेकिन पहले मेरे लंड को खड़ा तो कर!
सीमा ने फिर से मेरा लंड मुंह में लिया और उसे
चूसने लगी।
10 मिनट में मेरा लंड फिर से लोहे जैसा हो गया। मैंने उसे
सीधी लिटा दिया और उसकी
टाँगें चौड़ी करके उसकी चूत चाटने लगा।
सीमा …… ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ और
बस चूत चटवाती ही रहूँ।
कुछ देर चूत चाटने पर मैंने अपना लंड उसकी चूत
पर रखा और जोर का झटका मारा। मेरे लंड ने उसकी
चूत को सलामी दी।
लंड के अंदर जाने में उसे इतना दर्द नहीं हुआ
और न ही खून निकला।
(मुझे पता था और मैं खुद भी उसे चोद चूका था फिर
भी मजाक में )जब मैंने ने देखा कि खून
नहीं आया तो मैंने कहा
मैं…..- क्या बात है, कहीं किसी और से
तो नहीं चुद ली?
सीमा मेरे सीने पर मुक्के मरते हुवे
बोली की…….भैया….आप भी
न…
उसका ये शर्माता रूप देख के मैंने जोर जोर से धक्के लगाने शुरु
किये और वो भी गांड उठा उठा कर चुदवाने
लगी। जब मेरा लंड उसकी चूत के
अन्दर जाता तो कभी-कभी
उसकी बच्चेदानी की कैसे लड़कियों को पटायें
दीवार से टकराता जिससे वो ‘आअअहह
अअआहहह ऊई…’ कर रही थी
क्योंकि उससे दर्द होता था, वैसे अब हम दोनों को मज़ा आने
लगा था और मेरे लंड ने उसकी चूत में जगह बना
ली थी।
अब तो मेरा का हर धक्का उससे बड़ा मज़ा दे रहा था।
अब दर्द तो हो रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा
था, मेरा मोटा लंड उसकी चूत की
खुज़ली अच्छी तरह मिटा रहा था।
अब वो एकदम से उठीं और मेरे लंड
अपनी चूत से निकाल कर चूसने लगीं।
कुछ ही देर में हम दोनों ही 69
की दशा में आ गए थे।और एक दूसरे को चूसने लगे
मेरा लंड उनके मुँह में था और सीमा की
चूत मेरे मुँह में थी।
मैं बीच-बीच में उनके दाने को काट लेता तो
वो तड़प उठतीं। दीदी एकदम
ऐंठ गयी….मतलब उसकी चूत ने
पानी छोड़ दिया….। फिर भी मैं
उनकी चूत चाटे जा रहा था।
उनके मुँह से अजीब सी आवाजें निकलने
लगी थीं- अब और मत तड़पाओ मुझे
जान.. डाल दो अपना लंड… फाड़ दो मेरी चूत… बना
दो अपनी बीवी क़ी
चूत का भोसड़ा… बन जा बहनचोद…चोद दे मुझे… शांत कर दे
अपने बीवी को |
मैंने भी अब ज्यादा देर करना उचित नहीं
समझा और वापस पेल दिया अपना मूसल अपनी
ही बीवी बनी
बहन क़ी ओखली में.. फिर जो धक्कों का
दौर चालू हुआ वो जब तक पसीना पसीना
नहीं हो गया तब तक नहीं थमा | इस
बीच मेरी दीदी 3
बार झड़ चुकी थीं।
लंड का पानी बहन की चूत
में डाल दिया
आधे घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़े।
मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में
ही छोड़ दिया।
फिर वो थोड़ी देर तक ऐसे ही चूत में लंड
डलवाए लेटी रही और ऐसे
ही सो गए, अगली सुबह अंशु हम लोगो
को उठाने आयी , सीमा पता
नहीं क्यू शर्मा रही थी और
आँख नहीं मिला पा रही थी.
अंशु समझ गयी और गर्दन हिला कर मुझे चिढाने
के अंदाज़ में बोली, “क्यूँ
दीदी ? जीजा जी ने
ज्यादा परेशान तो नहीं किया न?”
मैं,,,,रुक अभी बताता हूँ…..और हम दोनों ने अंशु
को पकड़ लिया और फटाफट उसके कपडे निकल फेंके ,
मै उसकी नंगी गांड को देखता रहा.
गोरी, मांसल एवं बादाम के शेप मे थे उसके दोनो
कुल्हे. उसके गांड के छेद मे लंड घुसाने का सपना अब कुछ
ही पलों कि बात थी. सुबह सुबह मेरा
लंड तन उठा था. अंशु भी बिना देर किये हुवे
बडी बखुबी से लंड और आंड चाट
रही थी |
“आओ जीजू …चोदो मुंझे अब अपनी
साली को …” अंशु ने कहा
“मै तेरी गांड मारुंगा…” मैंने कहा
“बाद में. पहले मेरी चूत कि आग ठंडी
करो…फिर जी चाहे उतनी गांड मारो…मां कि
भी मारो…”
“ओके बहना…” मैने उसे बाहो में भर लिया. उसके बुब्ज तन
गये थे. निपल्स छोटी थी..मगर वो
भी कुचीली बन गई
थी. मैने उसे जी भर के दबाया, चाटा.
उसकी चूत मुंझे न्यौता दे रही
थी. उसकी चूत को मैने बहोत प्यार से
चुमा.
हालांकि उसके चूत सीमा कि अपेक्षा छोटी
थी, मगर उसका उभार बहोत अच्छा था. उसका दाना
फुल गया था. च्चूत से रस बह रहा था |
मैने उसे ज्यादा इंतजार करने नहीं दिया.
सीधा उसको नीचे कर उसकी
उपर चढ गया. सीमा बाजु बैठकर ये नजारा देख
रही थी. अपने बुब्ज दबा
रही थी. वो भी शायद गर्म हो
गई थी |
मैने अंशु के चूत के होल का निशाना साधा और मेंरा लंड
सीधा अंदर घुसेड दिया. वो धर्द से कराह
उठी. “धीरे भय्या……सीमा
की तरह भोसडा नही बना है
मेरी चूत का…”
सच था. मैने बडॆ प्यार से उसे चुमा. धीरे
धीरे उसे धक्के देने लगा. उसने टांगे उपर कर घुटने
मोड कंधों तक ले गई. मैने नीचे देखा. क्या नजारा
दिख रहा था चूत का.
देखते ही मै और गर्म हो गया. लंड तन गया. जोरों
से धक्के देने लगा |
वो सीमा की तरह सेक्सी बाते
नहीं कर रही थी. उसे
आदत नहीं थी शायद.
“साली बहना…तू तो कमसीन चूत है,
….स्साली रंडी बहन… कैसे लड़कियों को पटायें
कुत्ती…चूत मे तेरे बहोत दम है…मारता हुं…रोज
मारुंगा…”मैंने कहा
“हां भय्या…मेरे चोदू भैया…कुत्ती हुं मै
तेरी मेरे प्यारे कुत्ते…चोद…आह…
धीरे…”अंशु ने कहा
चोदता रहा. उसकी चूत कामरस से बह
रही थी.
फिर मेरा गाढा वीर्य उसके चूत में छूट गया.
“वाह…क्या चोदा तुने अपनी बहन और
साली को…मेरे पतिदेव …ऐसे ही चोदू
रह…” सीमा बोली. अब वो
अपनी चूत में उंगली डाल
अपनी वासना का शमन कर रही
थी. मै समझ गया…उसे और चुदाई चाहिये |
लगातार चुदाई और सगी बहन
की गर्म चूत
मै अब दो बार लगातार चुदाई कर थक गया था. मै लेटा रहा. अंशु
और सीमा दोनों मेरे पहलु मे आ लेट गई. मैने दोनो
के बुब्ज पर हाथ रखा और हौले से दबा रहा था |
“अब मेरी भी गांड मारोगे या इन् दोनों
की ही ?” मां की आवाज
आयी,,
सामने देखा तो माँ खड्डी थी |
मैं…..सबकी मरूँगा एक एक करके……”
सीमा ……..”नहीं…पहले मां और अंशु
कि मारो . देखने दो मुझे गांड कैसे चोदते है. मां बडी
कुतिया है…अंशु छोटी…”अब इन्हें कुतिया बना के
चोदो |
मै मुस्कराया. और फिर से एक राउंड में सब को थोडा थोडा चोद
दिया और ये हमारे जीवन का हिस्सा बन
गया…..लेकिन एक झटके से सब कुछ बदल गया….वो
अगली बार |
Chudakkad bhosdiki bahen ka luft uthane ke liye bahenchod bhai la loda din raat khada rhena chahiye.
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DeleteSms me Watas up 8851153441
Deletem to aapke boobs dekh k hi mst ho gya, agr aapka saath mile to sbkuch mil jaaye muje to
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